"अन्धा बांटे रेंवडी अपनों को ही देय" कहावत उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री महामान्नीय नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर एकदम फिट बैठ रही है| श्रीमान जी पर आरोप लगे हैं कि प्रदेश के गरीब किसानों को दिए जानें वाले अनुदानित ट्रैक्टर उन्होंने अपनें सगे सम्बन्धियों में बाँट दिए| एक और कैबिनेट मंत्री चन्द्र देव जी की भी महानता आजकल सुर्ख़ियों में है| इन महानुभाव नें मंत्री पद पर रहते हुए एक सरकारी विद्यालय के प्रधानाचार्य पद का भी निरंतर मानदेय उठाया| २००७ से अब तक मज़ा उठा रहे माननीय पर अब तक किसी की नज़र न पड़ना भी कम आश्चर्य जनक नहीं है| अब जब यूपी में चुनाओं की धमक साफ़ सुनी जा रही है, तब इस मामले का प्रकाश में आना पूर्णतया राजनीतिक द्वेष की ही भावना दर्शाता है| इन पर सरकार बननें के साल भर के अन्दर ही कार्यवाही की जा सकती थी|
शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011
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