केंद्र सरकार और कांग्रेस नें आखिरकार फिर से अन्ना हजारे से टकरानें का साहस जुटा लिया है| सोशल नेटवर्किंग साइटों पर हजारों भाड़े के लेखकों की जमात जुटा, कांग्रेस और सरकार के चाणक्य समझ रहे हैं कि अब अन्ना का जादू चलनें से रहा| मोबाइल संदेशों को नियंत्रित कर ये सोंच रहे हैं कि अन्ना हजारे और उनकी आवाज़ को नियंत्रित किया जा चुका है| वास्तव में अन्ना का सारा आन्दोलन सोशल नेटवर्किंग साइटों और मोबाइल संदेशों के पावों पर खड़ा हुआ था, सो सरकार नें सबसे पहले मोबाइल संदेशों पर लगाम लगाई, तदोपरांत सोशल नेटवर्किंग साइटों को भी नियंत्रित करनें का जतन किया, जिसमें उसे सफलता की जगह विफलता का दीदार हुआ| इस बीच सरकार और कांग्रेस द्वारा प्रायोजित कीचड उछाल आन्दोलन चला कर अन्ना और उनकी टीम के सदस्यों के चेहरों की लालिमा निगलनें की भी कुत्सित कोशिशें चलती रही| इन्हीं कुटिल कुचालों की बदली से हमारी सरकार अन्ना हजारे रूपी दमकते सूर्य को ढकनें की असफल कोशिश करेगी| कोई भविष्य देख रहा हो या नहीं, परन्तु मैं आज कहे देता हूँ, इसबार के आन्दोलन का सामना यह केंद्र सरकार कतई न कर सकेगी| इस बार आन्दोलनोपरांत इस जनविरोधी और भ्रष्टाचार समर्थक सरकार और कांग्रेस पार्टी के अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो जायेगा...आप भी देखेंगे और हम भी|
सुशील अवस्थी "राजन" 91 9598469860 |
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