शुक्रवार, 16 दिसंबर 2011

"यूपी का नक्कारखाना"

     उत्तर प्रदेश में चुनावी दुन्दुभी की आवाज़ दिन-ब-दिन तेज़ होती जा रही है| पिछले कुछ एक वर्षों में कुकुरमुत्तों की तरह उग आयीं सैकड़ों राजनैतिक पार्टियाँ, जब एक साथ अपनें-अपनें चुनावी नगाड़ों पर प्रदेश हित की थाप मारेंगी, निश्चय ही तब पूरा का पूरा प्रदेश एक भयंकर नक्कारखानें  में तब्दील हो जायेगा| राजनैतिक दलों के इस कान फोडू नक्कारखानें में कोई तूती (जनता) की आवाज़ नहीं सुनना चाहेगा| फिलहाल अभी तो हम यूपी वासियों के कानों तक कुछ बड़े नामी-गिरामी नक्कारों की मंद-मंद, प्रदेश हित  राग पर आधारित, कर्णप्रिय ध्वनियाँ पहुँच रही है|
    सबसे बड़ा नगाडा है कांग्रेस का, जिसके प्रमुख नगाड़ेबाज़ है,मास्टर राहुल बाबा| प्रमुख सहयोगी साजिंदों में हैं, दिग्विजय सिंह, रीता जोशी, प्रमोद तिवारी, जितिन प्रसाद आदि अनादि| अभी कुछ दिन पूर्व इलाहाबाद के झूंसी क्षेत्र में, इन स्वनाम धन्य महाकलाकारों नें प्रदेश की जनता के मनोरंजनार्थ एक महाकार्यक्रम  का आयोजन किया था| इस कार्यक्रम के मास्टर राहुल बाबा को कुछ नए सपाई साजिन्दे अपनी ढपली की धुन सुनानें उनके उड़नखटोले तक पहुँच गए,फिर क्या था, राहुल बाबा के सहयोगी साजिंदों नें उन नवोदित सपाई ढपली वादकों के सारे शरीर को ही नगाडा समझ, ऐसी-ऐसी मातमी धुनें निकाली कि पूंछो मत| अब ऐसे कार्यक्रम निरंतर चलते ही रहेंगे| कल सपाई नगाड़े के वृतान्त्र के साथ फिर हाज़िर होऊंगा, तब तक के लिए मुझ नाचीज़ सुशील अवस्थी "राजन" को आज्ञा दीजिये ....नमस्कार| 

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