मंगलवार, 6 दिसंबर 2011

" रोना मना है "


     मेरे गाँव में एक कहावत है कि " जबरा मारय  रोवै न देय " यह उक्ति हमारी अपनी केंद्र सरकार पर एकदम ठीक बैठती है| लम्बी चुप्पी के बाद बडबोले कपिल सिब्बल अपनी पुरानी लय पकड़ते हुए बोले हैं कि सोशल नेटवर्किंग साइटों पर आपत्तिजनक बातें की जा रही हैं|
    हमारी सरकारें आपत्ति जनक कार्य कर सकती है लेकिन हम-आप कोई आपत्तिजनक बात भी नहीं कर सकते| हमारी आपकी इन्ही आपत्तिजनक बातों से अन्ना हजारे का आन्दोलन खड़ा हो गया था| जिसनें केंद्र सरकार के सामनें बड़ी विपत्ति खड़ी कर दी थी| फिर कहीं हमारी-आपकी बातों से ऐसी कोई विपत्तिजनक स्थिति न पैदा हो जाय, सरकार के संकट मोचक इसी के निदान में दिन रात एक किये हुए हैं| 
     फिलहाल हमें आपको अपनें विचार व्यक्त करते समय शालीन शब्दों और चित्रों का ही इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि विचार अभिव्यक्ति पर नकेल डालनें वालों को, हमारी अभिव्यक्ति की आज़ादी से खिलवाड़ करनें का कोई मौका न मिले| आम आदमी को इतने बड़े लोकतान्त्रिक भवन  (देश) में अपनें आंसू टपकानें के लिए सोशल नेटवर्किंग साइटों के रूप में एक कोना मुहैया हुआ है, जिसे हमें आपको बचाकर रखना ही होगा| 

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