बुधवार, 14 दिसंबर 2011

यूपी पुलिस की मर्दानगी

आज सुबह- सुबह अमर उजाला अखबार में यह फोटो देखकर मै दंग रह गया| अंग्रेजों की जुल्म ज्यादती भी इन देशी अंग्रेजों के सामनें शर्मा जाये| जिस जनता की गाढ़ी कमाई से इन नौकरों की तनख्वाह आती है, ये उसी पर जूते चला रहे हैं| ये उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही नहीं, अधिकारियों की मानसिकता का फोटो है| अभी कुछ महीनें पहले यही कारनामा राजधानी के पुलिस प्रमुख डी.के. ठाकुर जी कर चुके हैं| जब सपा कार्यकर्ता आनंद भदौरिया को एक आन्दोलन के दौरान अपनी बूटों तले रौंदा था|



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