जानें कैसी लडाई|
अफजल गुरु,कसाब,
बन चुके हैं अब अपनें भाई|
पाकिस्तान अभिन्न पडोसी,
भिन्न हुआ कश्मीर|
रामदेव ठग, अन्ना चोर,
दोनों रखते पास में अपनें,
भारत माँ की तस्वीर|
पहले खेले खून की होली,
उनकी होती खातिर,
मुम्बई पहुँच कहे मनमोहन,
बचेंगे न अब शातिर|
कौन आतंकियों का शुभचिंतक,
हिंदुस्तान या पाक|
दोनों में ही होड़ लग रही,
है एकदम नापाक|
पाकिस्तान में नहीं सुरक्षित,
नेता न लादेन|
पर हिंदुस्तान में गुरु कसाब को,
हर प्रकार का चैन|
कहते सुनों अवस्थी "राजन"
सुन ओ पाकिस्तान,
अब तू समझा, हिंसा नहीं,
अहिंसा मेरी शान|
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