अन्ना बाबा नें एक बार फिर कांग्रेस को हिला दिया है, यह कहकर की यदि शीतकालीन सत्र में लोकपाल बिल न पास हुआ तो बाबा लोगों से कांग्रेस को वोट न देनें की अपील करेंगे| भाजपा की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं है, वह सोंच रही है की दो की लड़ाई में तीसरे का फायदा वाली स्थिति बन रही है| अन्ना बाबा नें यूपी की सियासत भी गरमा दी है यह कहकर क़ी मतदान से ३ दिन पहले लखनऊ में भी धरना होगा|
जाति अपराध और धन की राजनीती के महारथी यूपी के राजनीतिक पुरोधाओं की सांसें अटक गयी हैं| कांग्रेस की अखिल भारतीय दुर्गति देख चुकी यूपी की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती में अन्ना से निपटनें या हल्के में निपटानें का साहस नहीं बचा है| आम आदमी अन्ना के राजधानी आगमन की प्रतीक्षा में है| अन्ना आयें और देखें लखनऊ में कितना पत्थर तराशा गया है? कितनी मूर्तियों की स्थापना हुई है| दिवंगत महापुरुषों के बीच जब वे जाग्रत महादेवी सुश्री मायावती की करोड़ों रुपये की प्रतिमा देखेंगे, तो शायद उन्हें एहसास हो की कांग्रेस के खिलाफ आन्दोलन चलानें से pahale उन्हें बसपा के खिलाफ आन्दोलन चलाना चाहिए था|
हमारी प्रदेश की मुखिया सार्वजानिक रूप से फूल की जगह करोड़ों रुपये के हज़ार के नोटों की माला पहनती हैं| वे किसी आम-खास व्यक्ति से मुलाकात नहीं करती हैं| प्रधान मंत्री के बराबर जिनकी सुरक्षा में प्रदेश के गरीब आदमी का पैसा खर्चा होता है| जिनके जन्मदिन की उगाही में सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों की जान ले ली जाति है| जेल में भी हत्याएं होती हैं| पत्रकारों को खुले आम सरकार समर्थित अधिकारी प्रताड़ित करते है| ऐसा है हमारा उत्तर प्रदेश ...
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