शनिवार, 8 अक्तूबर 2011

अन्ना बाबा बताइए तो किसको वोट दें?

परम आदरणीय अन्ना बाबा सादर प्रणाम!
    आप उत्तर प्रदेश के चुनावी महासंग्राम में हम प्रदेश वासियों का मार्गदर्शन करेंगे जानकर अपार हर्ष हुआ|| अन्ना जी यदि आप हम प्रदेश वासियों से यह आग्रह करेंगे कि कांग्रेस को दफ़न कर दो, तो यह काम तो हम लोगों नें काफी पहले कर दिया है| कांग्रेस उत्तर प्रदेश में मरणासन्न स्थिति में है|  यूपी के लोग सिर्फ "जन लोकपाल" को ध्यान में रखकर ही २०१२ के विधान सभा चुनाव में अपनें  मतदान की बारी का इन्तजार नहीं कर रहे| हमारी समस्याएं कुछ और हैं|
     हम प्रदेश वासियों का सबसे बड़ा दुर्भाग्य तो यह है कि इस बार हमारे पास विकल्प सीमित हैं| हमें किसी भी राजनीतिक दल या नेता में ऐसी कोई दृढ इच्छा शक्ति नहीं दिख रही है, कि वह हमारे प्रदेश को विकास की नई बुलंदियां दिखा सकेगा| हाँ एक नवोदित "पीस पार्टी" में कुछ झलक दिख रही थी, लेकिन वह भी सत्ता सिंघासन पर आरूढ़ होनें की जल्दी में अपराधियों की गोद में खेलनें लगी| साम्प्रदायिकता की भट्टी में तप चुके हम यूपी वासियों को दिया गया इस पार्टी का नारा कि "हिन्दू-मुस्लिम साथ चलेगा" रास आ रहा था, परन्तु अब लोगों को लगनें लगा कि पीस-अपराधी साथ चलेगा|
     श्रद्धेय हजारे साहब यह एकदम सत्य है, कि मायावती की मनमानी झेल रहे उत्तर प्रदेश को आप से काफी उम्मीदें हैं, लेकिन आपके तरकश में "जन लोकपाल" के अलावा हम प्रदेश वासियों को कोई तीर ही नहीं दिखता| आप यह तो स्पष्ट रूप से कहतें हैं कि कांग्रेस को वोट न दीजिए , लेकिन किसको दें? के सवाल पर आपकी चुप्पी हम आपके अनुयाइयों को और दिग्भ्रमित करती है| राजनीति में कैसे नेता और पार्टियाँ होनी  चाहिए यह तो आपकी पाठशाला में हम प्रदेश व देशवासियों नें पढ़ लिया, पर आपकी पाठशाला में पढाये गए पाठ के अनुरूप हमारे आस-पास कोई नेता या पार्टी है? इस पर भी आपका जवाब सिर्फ चुप्पी ही है| आप और आपकी टीम के लोगों पर देश को विश्वास है, लेकिन आप लोग मालिक का आसन छोंड चाकरी का काम करनें से रहे|
      वैसे तो व्यक्तिगत मुझे अपनी मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी की आज कल कोई बात नहीं सुहाती, लेकिन आप लोगों के लिए दिया गया उनका यह बयान कि "अन्ना चुनाव में हिस्सा लें, अपनें लोगों को जितायें, और अपनें मन का कानून खुद ही बना लें" काफी सकारात्मक लगता है| बाबा जी सिर्फ इतना बता देना कि यह गलत है और यह सही, सबसे आसान काम है| पर सही के मार्ग पर चलना काफी दुष्कर है| हम उम्मीद करते हैं कि आप २०१२ के यूपी चुनावों से पहले हम यूपी वासियों को यह जरूर बताएँगे कि हम किसको वोट दें? समाजवादी पार्टी को, जिसके गुंडों से तंग आकर हमनें बहन जी के हांथी को खिला-पिलाकर ताकतवर बनाया, ताकि वह सपाई दबंगों का सामना कर सके, लेकिन अब वह ही हम लोगों के अरमानों को रोंद रहा है| भाजपा को, जिसनें जो कहा वह कभी नहीं किया| राम-राम रटकर सत्ता पर आरूढ़ हुई पार्टी अंततः राम को ही भूल गयी| कांग्रेस की तो आपसे बात ही नहीं की जा सकती| अन्ना बाबा बताइए तो किसको वोट दें?
आपका शिष्य- susheel awasthi "rajan"
                             mobile- 09454699011
                                लखनऊ, उत्तर प्रदेश,

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