बुधवार, 26 अक्तूबर 2011

चीन और भारत का फर्क

    सुशील अवस्थी "राजन"  गैर लोकतान्त्रिक देश चीन में सोशल मीडिया पर कड़े प्रतिबन्ध लागू होनें जा रहे हैं| आपको क्या लगता है कि भारत में ऐसा नहीं होगा? भारत सरकार के भी दिलो-दिमाग में हमारी-आपकी बातों को अवरुद्ध करनें का इरादा है| दिक्कत ये है कि चीन एक गैर लोकतान्त्रिक मुल्क है,वहां की सरकार किसी भी बात को बगैर लाग-लपेट के कह देती है, लेकिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश भारत की सरकार गोल-गोल कर कहती और करती है| वहां अगर बड़े लोकतान्त्रिक जनांदोलनों को बेरहमी के साथ कुचला गया है,तो हमारी सरकार नें भी वही किया है| बाबा रामदेव और अन्ना के लोकतान्त्रिक आन्दोलनों का हश्र सारी दुनिया देख रही है| वहां अगर कुछ लोगों की इच्छा ही सत्ता सञ्चालन के तौर तरीके तय करती है तो भारत में भी ऐसा ही हो रहा है| बस एक बुनियादी फर्क है, कि यहाँ ये सब हमारी-आपकी रजामंदी से हो रहा है,और वहां ज्यादती से| हम जिस दिन जातिवाद, धर्मवाद, व्यक्तिवाद का चोला उतार फेंकना  चाहें   फेंक सकते हैं परन्तु चीनी चाह कर भी नहीं| 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

योगी का एक मंत्री.. जिसे निपटाने के लिए रचा गया बड़ा षडयंत्र हुआ नाकाम

  सुशील अवस्थी 'राजन' चित्र में एक पेशेंट है जिसे एक सज्जन कुछ पिला रहे हैं। दरसल ये चित्र आगरा के एक निजी अस्पताल का है। पेशेंट है ...