जलाओ दिए पर रहे ध्यान इतना,
भ्रष्टाचारी अँधेरा कहीं रह न जाये|
बनाना हमें देश को शक्तिशाली,
हटाओ उन्हें जो लुटेरे बवाली|
जिन्होनें तर्कों-कुतर्कों का लेकर सहारा,
चूसा है हमको किया बेसहारा|
इन्हें कसके पीटो ये बचनें न पायें|
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाय|
हमें याद रखनी है "अन्ना" कहानी,
रामदेव की वह पिटाई पुरानी|
सत्ता के मद से जो लोग अंधे हुए हैं,
लूट और खसोट जिनके धंधे हुए हैं|
उठाओ कसम अब ये आनें न पायें,
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाय|
"राजन" अवस्थी का खुलकर ये कहना,
बहुत दिन सहा है अब आगे न सहना|
मतदान का अधिकार बाबा साहब दिए हैं,
लोकतंत्र की मशाल भारत कायम किये है|
वोट से बदलो व्यवस्था खून बहनें न पाए|
अँधेरा धरा पर कहीं रह न जाये|
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