अन्ना हजारे के लोग शीघ्र हम आपसे वोट मांगते नजर आयेंगे। संभावना ऐसी है की 2014 के लोकसभा चुनाओं में ही हमें एक नयी राजनैतिक पार्टी का विकल्प मिल जाये। आज जंतर-मंतर से अन्ना टीम नें देशवासियों से नयी राजनैतिक व्यवस्था के लिए राय मांगी है। इससे लगता है की अन्ना टीम राजनैतिक पार्टी बनानें को लेकर एकमत हो चुकी है, बस जनता की मांग के नाम पर उसको स्थापित करनें की औपचारिकता का निर्वहन करना मात्र शेष है।
इसमें कोई दो राय नहीं है, की अन्ना की पार्टी चल निकलेगी। देश की वर्तमान राजनैतिक पार्टियों से लोगों का मोहभंग हो चूका है, यह आज का सबसे बड़ा राजनीतिक सच है। यही मोहभंग अन्ना और उनकी पार्टी को आसानी से सत्ता सिंहासन पर विराजमान करा सकता है। वैसे भी यही राजनैतिक ट्रेंड चल रहा है की, जिससे ऊब जाओ उसको हटाओ भले ही जिसको लाओ वह सत्ता के लायक हो या न हो। जैसे माया से ऊबी यूपी की जनता अखिलेश को ले आयी, भले ही वह माया सरकार के एजेंडे पर काम करें। माया मूर्तियाँ स्थापित कर रही थी अखिलेश भी माया की मूर्तियाँ स्थापित करनें लगे।
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