शनिवार, 20 अगस्त 2011

"आइये आपका इन्तजार है"

     सुशील अवस्थी "राजन"  जन लोकपाल के लिए केंद्र सरकार से पंगा ले रही टीम अन्ना चुनाओं में क्यों नहीं भाग लेना चाहती है? इस टीम की हालत नायक फिल्म के अनिल कपूर जैसी ही है| सब जानते हैं कि राजनीती गटर जैसी हो चुकी है| कोई इसमें उतरना नहीं चाहता है| मै टीम अन्ना से जानना चाहता हूँ कि सीधे राजनीति में भाग लेकर, अपनी सरकार बनाकर, आप खुद जनहितकारी काम क्यों नहीं करना चाहते हैं? आप लोग क्यों भ्रष्टाचारियों, चोरों, लुटेरों लम्पटों और बलात्कारी महापुरुषों पर दबाव कायम कर उनसे अच्छा काम कराना चाहते हैं? क्यों उनसे ये पाप करवाते हो अन्ना? इन स्वनाम धन्य दुष्कर्मी महापुरुषों का भी अपना समाज है, अगर ये भूल चूक या आपके दबाव में कोई अच्छा काम कर बैठे, तो क्या मुंह दिखायेंगे अपने भ्रष्ट समाज में? इनके लोग इन पर थूंकेंगे|
     अच्छे सभ्य लोगों को चुनाव लड़ना  इतना कष्टकारी क्यों लगता है? हार से डर लगता है? हारते तो हमारे कलयुगी महापुरुष भी हैं| जब अपराधी,लुटेरे लड़ते हैं तो जो बड़ा अपराधी लुटेरा होता है वह जीतता है| जब चार अच्छे लड़ेंगे तो जो ज्यादा अच्छा होगा वह जीतेगा| व्यवस्था परिवर्तन का सबसे बड़ा अश्त्र है सत्ता, बशर्ते सत्ता मिलनें के बाद भी आप इमानदार बनें रह सकें, जो कि संभव नहीं है| आइये अन्ना के अनुयाइयों देश को आपका इन्तजार है| लोगों में आशा उम्मीदों का ज्वार उठाकर मुंह न फेरो| सक्रिय राजनीती में उतरकर अपना आत्मबल भी नापो और देश का भी भला करो हम सबको आपका इंतजार है| अन्ना हजारे जिंदाबाद|

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