गुरुवार, 24 नवंबर 2011

" महापुरुषों का चटकनम मुखभंजनम "



      शरद पवार जी को हरमिंदर के थप्पड़ से असहज होनें की जरुरत नहीं है, इसे जनता जनार्दन का प्रसाद समझ कर उन्हें पूरे श्रद्धा-भाव से इस थप्पड़ को ग्रहण करना चाहिए| अन्य भ्रष्ट जन सेवकों को धर्यपूर्वक अपनी बारी की प्रतीक्षा करनी चाहिए|  आप लोग तो जाति,धर्म,मज़हब,लिंग,क्षेत्र,भाषा के नाम पर अनेंकानेक प्रकार के भेद-भाव करते हो, लेकिन यकीन मानिये भारतीय जनता अपनें प्रसाद वितरण कार्यक्रम में किसी प्रकार का भेद-भाव नहीं करेगी| सबको मिलेगा और बराबर मिलेगा यही भारत की पीड़ित-प्रताड़ित जनता का एक सूत्रीय नारा है| आइये यूपी की सरजमीं पर २०१२ में लगनें वाले विधान सभा चुनाव के महाकुंभ में यहाँ की जनता भी आप लोगों की सेवा करनें को आतुर है| ३२ रूपये और २६ रुपये देकर हमें रातों-रात अमीर बनानें वाले महापुरुषों के पुनीत कार्यों को हम सराहना चाहते हैं| अपनी चरण-पादुकाओं से हम ऐसे महापुरुषों का चटकनम मुखभंजनम कर अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहते हैं| कृपया पधारो म्हारे प्रदेश ....

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