शुक्रवार, 25 नवंबर 2011

" घर में दिग्विजयी है दुश्मन "


आज तीसरी बरसी है, २६/११ के घाव की|
आओ करें समीक्षा, अपनें भाव और स्वभाव की|
अपनें दुष्ट पडोसी को, क्या हम कोई सबक सिखा पाए?
या दुश्मन खोजो चुनकर मारो, ये अमरीकी ज्ञान सीख पाए?
क्या भूल गए हम निर्दोषो की, अप्रत्याशित जघन्य हत्याओं को?
अनाथ हुए अपनें बच्चों को, शुष्क मांग अबलाओं को?
लड़े अघोषित युद्ध जो हमसे, वे दुष्ट अभी तक जिन्दा हैं|
कसाब की होती मेहमान, नवाजी से हम सब शर्मिंदा हैं|
सीमा के उस पार जो बैठे, उन पर अपना जोर नहीं|
घर में दिग्विजयी है दुश्मन, क्या हम कायर कमजोर नहीं? 
सुशील अवस्थी "राजन", हमको नेता मिले कमीने|
आतंकवादियों के शुभचिंतक, हमरा चैन ये छीनें|
लातों के ये भूत भयंकर, बातों में उलझाएँ|
मेरी समस्या ज्यों की त्यों, अपनें मसलें सुलझाएं|
देश हमारा हमीं आपको करना होगा निदान|
सबक यही कि, अब मेरे वोट से न ताकत पाए शैतान|

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

योगी का एक मंत्री.. जिसे निपटाने के लिए रचा गया बड़ा षडयंत्र हुआ नाकाम

  सुशील अवस्थी 'राजन' चित्र में एक पेशेंट है जिसे एक सज्जन कुछ पिला रहे हैं। दरसल ये चित्र आगरा के एक निजी अस्पताल का है। पेशेंट है ...