जातिवाद के आह्वान, कई दल हौंक रहे हैं यूपी में|
सत्ता के बौराए स्वान,फिर भौंक रहे हैं यूपी में|
महंगाई को लानेंवाले,
भ्रष्टाचार मिटानें वाले|
ठेका मेरे दुःख का लेकर,
दुःख अपना निपटानें वाले|
योग गुरु और भोग गुरु,
सब पौंच रहे यूपी में|
सत्ता के बौराए स्वान,फिर भौंक रहे हैं यूपी में|
दंगों के शातिर आरोपी,
इनके सिर पर उनकी टोपी|
छल-प्रपंच के मुख्य प्रवक्ता|
आतंकी हित साधक आशक्ता|
लाकर अपनी-अपनी धौकनी,
सब धौंक रहे हैं यूपी में|
सत्ता के बौराए स्वान, फिर भौंक रहे हैं यूपी में|
विधान सभा चुनाव नें,
देखो बदला सबका रूप|
छलनी चलनी बोल रही,
और बोल रहा है सूप
"राजन" चुपा-चुप्प जनता से,
सब चौंक रहे हैं यूपी में||
सत्ता के बौराए स्वान, फिर भौंक रहे है यूपी में|