शनिवार, 11 नवंबर 2017

गुजरात चुनाव: मोदी और उनका मॉडल खतरे में


   
   गुजरात चुनाव बीजेपी के लिये प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है । यहाँ सोशल मीडिया पे चल रहे ट्रेन्ड को माने तो बीजेपी काफी पिछड़ रही है । केन्द्र के सारे मन्त्री और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री रोज गुजरात दर्शन कर रहे है । सोचने वाली बात ये है कि जिस गुजरात मॉडल पे बादशाह सलामत मुल्क का चुनाव लड़े और जीते आज उस गुजरात मॉडल को समझाने के लिये केन्द्र के मन्त्री और राज्यों के मुख्यमंत्री जा रहे है 
   लेकिन गुजरात की जनता जिस तरह से कांग्रेस के युवराज के प्रति आकर्षित हो रही है वो बौखलाहट बीजेपी के नेताओं के ब्यानों में साफ़ नज़र आ रहा है ।
मैंने पहले भी लिखा है और आज भी लिख रहा हूँ जितना ही राहुल गाँधी का बीजेपी विरोध करेगी राहुल गाँधी की छवि में उतना ही निखार आयेगा । 2014 का चुनाव बीजेपी इस वजह से जीती कि बाबा रामदेव से लेकर अन्ना हजारे अडानी अम्बानी सब लोग एड़ी चोटी का जोर लगा दिये । कांग्रेस को बदनाम करने में बीजेपी के कद्दावर नेता रोज इस्तीफा माँगने के लिये पत्रकार वार्ता आयोजन करते । 
   डीजल पेट्रोल गैस सिलेन्डर की महंगाई और बेरोजगारी पे जो बवाल बीजेपी के नेताओं ने काटा । बीजेपी की रणनीति का 2014 में मुकाबला न कर पाना कांग्रेस की हार का कारण बना । गठबंधन की सियासत में मनमोहन सिंह की साफ़ छवि के बावजूद कांग्रेस हार गयी ।
   आज ठीक उल्टा हो रहा है कल तक बादशाह सलामत कांग्रेस की नाकामियों को गिना गिनाकर खूब तालियाँ बटोर रहे थे अब वह भीड़ ऊब गयी है । अब तो यशवन्त सिन्हा शत्रुधन सिन्हा कृति आजाद खुलकर अपनी ही सरकार पर हमला बोल रहे है । कल तक जो लोग डर कर सरकार के खिलाफ कुछ नही बोलते थे अब वो सरकार के खिलाफ बोल रहे है और लिख भी रहे है । आम जनमानस नोट बन्दी की मार से उबर भी नही पायी कि जीएसटी के झमेले ने जीना दुशवार कर दिया । अब आम आदमी भी पूछ रहा है जो आज मन्त्री है 2014 में कांग्रेस के महंगाई के खिलाफ हल्ला बोल रहे थे आज वो क्यों खामोश है ।
   बादशाह सलामत के मन की बात और भाषणों में इतना कुछ बोल दिया है कि अब लोग उन्हें सुनना नही चाहते । ऊपर से गुजरात के लोग जो कारोबारी है उनको डूबते  को तिनके का सहारा अब राहुल गाँधी नजर आ रहे है । गुजरात के लोग राहुल गाँधी से बोलते है कि अगर आप इस बार बीजेपी को हरा नही पाये तो ये हम जनता की हार नही आपके रणनीति की हार होगी । देश बदलाव के दौर से गुजर रहा है । गुजरात चुनाव भले ही कोई जीते हारे लेकिन कल तक का पप्पू अब पापा बनता दिखाई दे रहा है । जीएसटी का फेरबदल कारोबारी राहुल गाँधी का दबाव मान रहे है । उधर आज राहुल गाँधी का ये कहना कि हम गब्बर सिंह टैक्स का विरोध करते रहेंगे जब तक सारा टैक्स आम जनता के मुताबिक नही हो जायेगा । 
   रोज रोज कोई न कोई नया खुलासा भी भाजपा के लिये सरदर्द बनता जा रहा है जय शाह शौर्य डोभाल विजय रूपानी अभी दर्द दे ही रहे थे तब तक पैराडाइज पेपर में जयन्त सिन्हा आर के सिन्हा भी लपेटे में आ गये । बीजेपी कल तक जिस करप्शन के मुद्दे पे कांग्रेस को घेर रही थी आज सारे करप्शन में लिप्त नेताओं को पार्टी में शामिल करवा रही है । 
   अख़बार के प्रकाशकों का उत्पीड़न भी आग में घी डालने का काम कर रहा है । सीनियर पत्रकारों के जरिये महंगाई बेरोजगारी का मुद्दा फेसबुक और ट्वीटर पे ट्रेन्ड कर रहा है । अब जितनी चर्चा पीएम के भाषणों की नही होती उससे ज्यादा चर्चा राहुल एक ट्वीट करके पा जाते है । सरकार अगर अपने रवैये में सुधार नही लायी तो कांग्रेस भले ही न गुजरात जीते लेकिन बीजेपी को छठी का दूध याद दिलाने में कामयाब हो रही है । राहुल गाँधी का विरोध कर करके बीजेपी राहुल गाँधी को जनता का हीरो बनाने में कोई कसर नही छोड़ रही है राहुल गाँधी 2019 में आवाम का प्यार और सहानभूति पाकर कही प्रधानमंत्री बन जाये तो कोई अतिशयोक्ति नही होगी ।

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