सोमवार, 22 अक्तूबर 2012

अशफाकउल्लाह खान को जन्मदिन पर सलाम !

   एक मुसलसल ईमान मुसलमान अमर शहीद अशफाकउल्लाह खान को जन्मदिन पर सलाम ! पंडित बिस्मिल के इस जाबांज साथी को आखरी रात इस बात का गिला रहा की मादर ए वतन पर कुर्बान होने के लिए बस एक ही बार पैदा हो सकेगा ! अल्लाह से ज़न्नत के बदले हिन्द पर फ़िदा होने के लिए दूसरा जनम मांगने की खवाहिश रखने वाले इस सितारे को सौ-सौ सलाम !स्वर्गीय अग्निवेश शुक्ल की अप्रतिम कविता का एक अंश सादर समर्पित...
"जाऊँगा खाली हाथ मगर ये दर्द साथ ही जायेगा, 
जाने किस दिन हिन्दोस्तान आज़ाद वतन कहलायेगा? 
बिस्मिल हिन्दू हैं कहते हैं "फिरआऊँगा,फिर आऊँगा,
फिर आकर के ऐ भारतमाँ तुझको आज़ाद कराऊँगा".

जी करता है मैं भी कह दूँ पर मजहब से बंध जाता हूँ,
मैं मुसलमान हूँ पुनर्जन्म की बात नहीं कर पाता हूँ;
हाँ खुदा अगर मिल गया कहीं अपनी झोली फैला दूँगा,
और जन्नत के बदले उससे एक पुनर्जन्म ही माँगूंगा........!"

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