राजनीति का गन्दा चेहरा यूपी है दिखलाती,
सत्ता ध्येय शेष सब मिथ्या,
यह दर्शन सिखलाती|
जातिवाद की लम्बी सीढ़ी,
राष्ट्रवाद पर भारी,
कुशवाहा में देख रही,
बीजेपी अटल बिहारी|
कौन कहाँ किसका प्रत्याशी,
कुछ भी समझ न आता|
लम्पट दुष्ट कुशील बनेंगे,
हमरे भाग्य-विधाता|
डाकू, ठेकेदार , लुटेरे ही हैं जब,
सब दल में प्रत्याशी|
किसको दें तब वोट "सुशील"
है न मशक्कत खासी|
सत्ता ध्येय शेष सब मिथ्या,
यह दर्शन सिखलाती|
जातिवाद की लम्बी सीढ़ी,
राष्ट्रवाद पर भारी,
कुशवाहा में देख रही,
बीजेपी अटल बिहारी|
कौन कहाँ किसका प्रत्याशी,
कुछ भी समझ न आता|
लम्पट दुष्ट कुशील बनेंगे,
हमरे भाग्य-विधाता|
डाकू, ठेकेदार , लुटेरे ही हैं जब,
सब दल में प्रत्याशी|
किसको दें तब वोट "सुशील"
है न मशक्कत खासी|
Awasthi ji sirf rythm baithane ke liye jo aapne kushwaha mein atal ji ko talashne ki baat kahi hai na wo galat to hai hi nindniya bhi hai
जवाब देंहटाएं"कुशवाहा में देख रही बीजेपी अटलबिहारी "
जवाब देंहटाएंख़ास तौर पर यह पंक्ति पसंद आयी ,वैसे पूरी कविता जोरदार है !