बतौर सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) प्रत्याशी, मै कल दिनांक ३१/०१/२०१२ को नामांकन करनें जा रहा हूँ। लखनऊ की जिस १७५, कैंट विधान सभा सीट को कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी नें फतह करनें का सपना संजोया है, वहीँ आपके भाई नें उनकी पार्टी कांग्रेस के वास्तविक चरित्र को उजागर करनें का संकल्प लिया है। आपके सहयोग का आकांक्षी= सुशील अवस्थी "राजन" आलमबाग,लखनऊ,यूपी, मोबाइल- 9454699011
सोमवार, 30 जनवरी 2012
गुरुवार, 26 जनवरी 2012
"जिन्दगी हर कदम एक नयी जंग है"
सोशलिस्ट पार्टी (इंडिया) ने मुझे (सुशील अवस्थी "राजन") को उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में अपना उम्मीदवार (प्रत्याशी) बनाया है। राजधानी लखनऊ की १७५, कैंट विधान सभा सीट, जहाँ से कांग्रेस नें अपनी प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी को थोपा है, वहीँ मेरी पार्टी ने मुझ जैसे गरीब स्थानीय निवासी पर अपना विश्वास व्यक्त किया है। जाहिर सी बात है, मेरे लिए राह कतई आसान नहीं है, लेकिन हाँ यदि आप सभी मित्रों का सहयोग और प्यार मिलेगा तो अव्यवस्था के इस आलम में हम लोग व्यवस्था के कुछ चिन्ह अवश्य अंकित कर सकेंगे। एक फिल्म के ये बोल हमारी हौंसला अफजाई करेंगे कि " जीत जायेंगे हम तू अगर संग है, जिन्दगी हर कदम एक नयी जंग है"
आपका अपना- सुशील अवस्थी "राजन" आलमबाग, लखनऊ, यूपी मोबाइल नं- 9454699011
सोमवार, 23 जनवरी 2012
"सुकून महसूस कर रहा हूँ"
मै आज देवकी नंदन महराज ठाकुर जी की भागवत कथा सुननें रेल नगर, बंगला बाज़ार, लखनऊ गया था। जो मेरे आवास से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। पिछले कई दिनों से पता नहीं क्यों मेरा मन अशांत सा था, परन्तु प्रभु चर्चा सुननें के बाद मै काफी सुकून महसूस कर रहा हूँ। यदि आप भी मेरे जैसे अशांत हों तो आइये न .... पंडाल में मै आपका इंतजार करूँगा। किसी भी प्रकार की मदद के लिए आप हमसे हमारे मोबाइल नंबर- 09454699011 पर संपर्क स्थापित कर सकते हैं।
आपका अपना- सुशील अवस्थी "राजन"
आलमबाग, लखनऊ, यूपी
मंगलवार, 17 जनवरी 2012
ये कैसा लोकतंत्र है?
येन-केन से सत्ता,
बना जब मूलमंत्र है|
"तंत्र" बड़ा "जन" छोटा,
तो क्या जनगण स्वतंत्र है?
ये कैसा लोकतंत्र है? ये कैसा लोकतंत्र है?
ये कैसा लोकतंत्र है? ये कैसा लोकतंत्र है?
आरक्षण की बात,
प्रतिभा सर धुनंत है|
जाति-धर्म को प्रश्रय,
विकास तोता रटंत है|
ये कैसा लोकतंत्र है? ये कैसा लोकतंत्र है
पैसे पर बिके नेता,
थाना, प्रेस, संत है|
तिकड़म,लूट-खसोट का,
दिखता नहीं अंत है|
ये कैसा लोकतंत्र है? ये कैसा लोकतंत्र है?
प्रतिभा सर धुनंत है|
जाति-धर्म को प्रश्रय,
विकास तोता रटंत है|
ये कैसा लोकतंत्र है? ये कैसा लोकतंत्र है
पैसे पर बिके नेता,
थाना, प्रेस, संत है|
तिकड़म,लूट-खसोट का,
दिखता नहीं अंत है|
ये कैसा लोकतंत्र है? ये कैसा लोकतंत्र है?
सोमवार, 9 जनवरी 2012
रीता जोशी और आचार संहिता?
यूपी की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी राजधानी लखनऊ की कैंट विधान सभा सीट से पार्टी उम्मीदवार हैं| कानपुर रोड के राम नगर, आलमबाग में उनका केन्द्रीय चुनाव कार्यालय है| जब भी श्रीमती जोशी अपनें इस कार्यालय में पधारती हैं, पूरी की पूरी सड़क जाम के आगोश में आ जाती है| जाम का कारण बनते हैं, प्रदेश अध्यक्ष के समर्थकों के सड़क पर खडे किये गए आड़े-तिरछे वाहन| जिससे स्थानीय लोगों में खासा रोष है, शायद मेरी बात सोशल नेटवर्किंग के जरिये रीता जोशी तक पहुच सके? इतनें ज्यादा वाहनों के साथ चलना कहीं चुनावी आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं है ? इस बात पर भी ध्यान दें रीता दीदी|
रविवार, 8 जनवरी 2012
बुधवार, 4 जनवरी 2012
"सत्ता ध्येय शेष सब मिथ्या"
राजनीति का गन्दा चेहरा यूपी है दिखलाती,
सत्ता ध्येय शेष सब मिथ्या,
यह दर्शन सिखलाती|
जातिवाद की लम्बी सीढ़ी,
राष्ट्रवाद पर भारी,
कुशवाहा में देख रही,
बीजेपी अटल बिहारी|
कौन कहाँ किसका प्रत्याशी,
कुछ भी समझ न आता|
लम्पट दुष्ट कुशील बनेंगे,
हमरे भाग्य-विधाता|
डाकू, ठेकेदार , लुटेरे ही हैं जब,
सब दल में प्रत्याशी|
किसको दें तब वोट "सुशील"
है न मशक्कत खासी|
सत्ता ध्येय शेष सब मिथ्या,
यह दर्शन सिखलाती|
जातिवाद की लम्बी सीढ़ी,
राष्ट्रवाद पर भारी,
कुशवाहा में देख रही,
बीजेपी अटल बिहारी|
कौन कहाँ किसका प्रत्याशी,
कुछ भी समझ न आता|
लम्पट दुष्ट कुशील बनेंगे,
हमरे भाग्य-विधाता|
डाकू, ठेकेदार , लुटेरे ही हैं जब,
सब दल में प्रत्याशी|
किसको दें तब वोट "सुशील"
है न मशक्कत खासी|
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