चित्रकूट से वापस आकर लखनऊ से सुशील अवस्थी "राजन"
चित्रकूट हिन्दू धर्मावलम्बियों के लिए बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान है। ऐसी मान्यता है कि भगवान राम नें अपनें वनवास के करीब १० वर्ष यहीं पर बिताये थे। सामान्य दिनों में भी यहाँ देश के तमाम हिस्सों से हजारों श्रद्धालु अपना इहलोक व परलोक सुधारनें आते हैं। लेकिन उन्हें यहाँ मिलती है तो सिर्फ अव्यवस्था। चित्रकूट धाम (कर्वी) रेलवे स्टेशन पर उतरते ही आपको जगह-जगह फैली गन्दगी और बदबू से तो दो चार होना ही पड़ेगा, साथ ही स्टेशन परिसर में इंसानों के साथ आवारा पशुओं की धींगामुश्ती से भी सावधान रहना पड़ेगा। आये दिन छुट्टा जानवरों की निर्भीक चहल कदमी से यात्रियों के चोटिल होनें की घटनाएँ सामनें आती रहती हैं। पूछताछ काउंटर पर कौन से महोदय की डयूटी है? अधिकतर श्रद्धालु सिर्फ इसी पूछताछ में अपना समय खपाते देखे जा सकते हैं।
रेलवे स्टेशन या काजी हॉउस |
सन्नाटेदार पूछताछ काउंटर |
स्टेशन परिसर से बाहर निकलते ही छोटे से तिपहिया टेम्पो पर १६-१७ सवारियों को लाद ठूँसकर चलनें वाले द्रश्य देखकर आप भी दांतों तले ऊँगली दबानें को बाध्य हो जायेंगे। उस पर सड़क में गड्ढा या गड्ढे में सड़क वाली रोड को नापते हुए यदि आप चित्रकूट तक सकुशल पहुंचते हैं तो यकीन मानिये आप पर आपके आराध्य भगवान राम की अपार कृपा है। चित्रकूट पहुँच कर आप इस दिव्यता का अवश्य ही एहसास करेंगे मानों सारी स्थानीय व्यवस्था आपको लूटनें के लिए ही सजाई गयी है। तथाकथित बाबाओं, साधुओं, भिखारियों और दुकानदारों की नजर आपके बटुए पर ही होती है। होटलों और गेस्ट हाउसों के मनमाने रेट बोर्ड आपसे कह उठते हैं, कि आ गए हो तो जानें की जिद न करो .....।
राम घाट पर मन्दाकिनी स्नान करते हुए आपको साबुन लगा लगाकर नहाते और कपडे धोते हुए ऐसे भक्तों से भी मुकाबला करना होगा जिन्हें आप किसी भी तरह की उचित सलाह देकर मुसीबत मोल ले सकते है। मन्दाकिनी नदी में गिरते गंदे नाले तो निश्चय ही आपकी श्रद्धा-भक्ति की परीक्षा लेकर ही रहेंगे। कामदगिरी पर्वत की परिक्रमा करते हुए भी श्रद्धालुओं को ऐसी ही तमाम दुश्वारियां झेलनी पड़ती हैं। परन्तु प्रशासन की निद्रा अनवरत जारी है।
अहिंसा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन्द्रेश राजपूत कहते हैं कि "केंद्र और यूपी में तो तथाकथित धर्म निरपेक्ष सरकार है, हिन्दू धर्म स्थलों की घोर उपेक्षा से ही दोनों सरकारों की धर्म निरपेक्षता प्रखर होती है, लेकिन चित्रकूट तीर्थ स्थल के जो हिस्से मध्य प्रदेश में आते हैं, वहां की तथाकथित राम भक्त भाजपा सरकार की उदासीनता हमें हतप्रभ करती है। उन्हें आखिर बेहतरीन व्यवस्था करनें से कौन रोक रहा है, हम सभी श्रद्धालुओं को जागरूक और संगठित होनें की जरुरत है"
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