रविवार, 26 फ़रवरी 2012

"नन्द के कुमार, कुर्बान तानी सूरत पे"

     कल का दिन मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण था। क्योंकि कल मै मथुरा-वृन्दावन की रमणीक गलियों में विचरण कर रहा था। किसी के लिए मथुरा-वृन्दावन की गलियां भारत वर्ष के किसी एक शहर की सामान्य गलियां हो सकती हैं, परन्तु मेरे लिए ये गलियां मेरे आराध्य भगवान् श्री कृष्ण की लीलाओं की रस माधुरी से ओत-प्रोत महा-मार्ग हैं।
     वृन्दावन के बांके बिहारी की बांकी चितवन का दीदार कर मै  कल ही कृतार्थ हुआ हूँ। अपनें मित्र देवेन्द्र सिंह के साथ वृन्दावन की गलियों में विचरण करते हुए मुझे जो आनंद प्राप्त हुआ है, उसका वर्णन कर पाना मेरे लिए कतई संभव नहीं है।
    मुझे अब समझ आया कि क्यों एक मुगलानी ताज बीबी नें बांके बिहारी की एक झलक पाकर ये पंक्तियाँ कही थी "नन्द के कुमार कुर्बान तानी सूरत पे, हूँ तो मुगलानी हिन्दुआनी होई रहूंगी मैं" सिर्फ ताज बीबी ही क्यों रसखान और रहीम दास जैसे न जानें हमारे देश और दुनिया के कितनें मुसलमान भाई बहन भी हमारे बाँके बिहारी की सुन्दरता के दीवानें बन चुके हैं। देशी से ज्यादा विदेशी भक्तों का मथुरा और वृन्दावन में लगा ताँता बताता है कि कृष्ण को चाहनें और माननें वालों को किसी देश या धर्म के संकीर्ण बंधनों में नहीं जकड़ा जा सकता।
   बृज तत्व का मेरे जीवन में यह प्रथम साक्षात्कार है। अवध नरेश राजा भगवान् राम के सेवक सुशील अवस्थी का कृष्नानुराग अपनें परम आराध्य राम के दूसरे रूप का ही दर्शन है। मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा पालन में जो रूखापन जन्मा था, वह उनके दूसरे अवतार कृष्ण में कतई नहीं दिखा। यह मर्यादा पालन का ही रूखापन था कि गर्भवती माता सीता को दिए गए दूसरे अकेले वनवास को ध्यान कर उनके भक्त आज भी रो पड़ते हैं।
       कृष्ण चरित्र में प्रभु ने अपनें भक्तों को कुछ दिया है तो वह है आनंद ...आनंद ...और सिर्फ आनंद....। गोपियों संग रस रचाते प्रभु .... राज धर्म के पालन में भी कभी लड़ना तो कभी पलायन... रामावतार में विवाह बंधन में कष्ट उठाई माता जनक नंदिनी सीता को राधा रूप में फिर से इस बंधन से मुक्त रखना....   माखन चोर होना.... छल बल का प्रयोग.... लक्ष्मण को अपना बड़ा भाई बनाना और खुद छोटा बनकर आना.... कुल मिलाकर अपनें भक्तों को प्रफुल्लित करनें के उद्देश्य से ही अवतरित होते हुए प्रभु राम। ऐसे आराध्य के दर्शन कर भला मैं क्यों न बलि बलि जाऊं?
 
सुशील अवस्थी "राजन"  मोबाइल - 09454699011

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