एक बुलबुल (चिड़िया ) नें मेरे घर के एक छोटे से पेड़ पर स्थापित अपनें घोंसले में दो प्यारे-प्यारे बच्चों को जन्म दिया है। मेरी दो साल की बिटिया रिशिका आज कल दिन भर उन्हें निहारती रहती है। पेड़ के नीचे बिल्ली मौसी दिन भर इन लाडलों की ताक में रहती है। कभी-कभी बुलबुल के ये दोनों लाडले चहल-कदमी के लिए नीचे भी उतर आते हैं। क्या ये तमाम मुसीबतों को पार कर कभी उन्मुक्त गगन में उड़ान भर सकेंगे? ये चिंता मुझे भी रहती है।
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