मंगलवार, 27 दिसंबर 2011

लोकपाल पर हमारे राजनीतिज्ञों द्वारा अपनाये गए रुख से स्पष्ट हो गया है, कि नेता चाहे वह सत्ता को हो या विपक्ष का करीब-करीब एक ही तरह सोंचता है| संसद के हमाम में जनता को सभी नंगे दिखे| अब अन्ना को भी अपनी राजनीतिक पार्टी बनानी चाहिए| अन्ना जी संघर्ष करो हम आपके साथ हैं|

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