उत्तर प्रदेश में जबसे विधान सभा चुनाओं की दस्तक हुई है, तभी से मुख्यमंत्री मायावती जी हर रोज़ दो चार मंत्रियों की छुट्टी कर रही हैं| क्या मायावती जी पांच साल सरकार चलानें के बाद अब जान सकी हैं कि उनके कितने मंत्री भ्रष्ट हैं, या फिर जनता को अपनी नेक नीयती दिखाकर उनके वोट हासिल करना चाहती हैं| जिस मुख्यमंत्री के मंत्रिमंडल में इतनें दागी मंत्री रहे हों, भला उस मुख्यमंत्री को ईमानदार कैसे समझा जाय| फूलों कि जगह हज़ार रुपये के करारे नोटों की माला पहननें वाली मुख्यमंत्री को, जनता के सामनें अब अपनी ईमानदारी की परीक्षा देनी ही होगी|
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