श्री मन शुक्ल जी चौथे बड़े स्वास्थ्य अधिकारी हैं, जो अब सूली की तरफ बढ़ते दिख रहे हैं| इससे पहले इसी लूट खसोट और बन्दर बाँट कांड में विनोद आर्य, बी. पी. सिंह,और डॉ.सचान अपनी जान गँवा चुके हैं| हालाँकि श्री शुक्ल जी इन सब में सर्वाधिक रसूखदार हैं|इसलिए उनके साथ किसी अनहोनी के बारे में सोंचना मूर्खता है| यह घोटाला काण्ड कुछ अति प्रभावशाली लोगों की ही हरकत है, यह बात समझने के लिए प्रदेश और देश की जनता को किसी विशेषज्ञ की आवश्यकता नहीं रह गयी है| प्रदेश सरकार के अमले की हरकतें बता रही हैं, कि सिर्फ दाल में काला नहीं, बल्कि पूरी की पूरी दाल ही काली है| देखो काली दाल का सच कब जनता के सामने आता है?
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें